इनतज़ार हमेशा रहेगा, पर अब हम आवाज़ नहीं देंगे ।

इनतज़ार हमेशा रहेगा, पर अब हम आवाज़ नहीं देंगे ।

इनतज़ार हमेशा रहेगा, पर अब हम आवाज़ नहीं देंगे ।
दिल टूट चुका है , जिस्म ज़ख़्मी है , इन टूटे हाथों में अब हम कोई साज़ ना देंगे ।
इनतज़ार रहेगा क्यूँकि प्यार रहेगा !
ख़ुमार रहेगा , तुझे मिलने के लिए रहेंगे बेसब्र , जो हमें कुछ चैन दे सके , कहाँ से लाएँगे ऐसा सबर ?
और दिल की धड़कनें तो निरन्तर तेरा नाम पुकारेंगी , हम दिल को ना मना सकेंगे ।
उन्हें ऐसा करने से अगर रोका तो फिर हम अपने आप को सज़ा देंगे !
दिल भी आहत है , ज़मीर भी घायल है, डूब रही है हमारी ज़िंदगी की कश्ती , पूछ रही है कि कहाँ साहिल है ?
चलो इतना तो शुक्र है कि तू नहीं , तो कम से कम तेरा अहसासे ग़म तो ज़िंदगी में शामिल है।
तेरे ग़म को ही ढाल बना लेंगे , फिर शायद अपने ज़मीर और दिल को दे पायें कुछ नसीहत , कुछ राहत।
ख़ैर, निराश ज़रूर हैं , लेकिन हताश नहीं हैं, उम्मीद है कि एक ना एक दिन ये इनतज़ार रंग लाएगी ।
और तू यक़ीनन हमारी ज़िंदगी में लौट आएगी ।
और दिल की ये सूनी नगरी फिर से बस जाएगी ।
बस महज़ एक बार , तू उन बीते हसीन गुज़रे पलों को करना याद , फिर तू हमारे पास दौड़ी चली आएगी !
Friends, please pray for me , I want back in my life , my lost love

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