तुम ही हो मेरी पूजा

तुम ही हो मेरी पूजा

तुम ही हो मेरी पूजा , हो मेरी श्रद्धा , तुम ही हो मेरे हालात , मेरी कायनात , मेरे जज़्बात , खुदा की भेजी हुई हो तुम एक सौग़ात ।
तुम ही हो मेरी मोहब्बत , मेरी इबादत , मेरी मलकियत , मेरी हक़ीक़त , अब तो बन चुकी हो मेरी आदत , मेरी फ़ितरत ।
तुम हो नज़ाकत , तुम हो एक क़यामत , तुम हो उल्फत , तुम हो एक नियामत , तुम से ही है मेरी हैसियत , तुम हो तो ज़िंदा है मेरे दिल की हर हसरत ।
सच पूछो तो तुम मेरी सब से बढ़ी हार हो , दिल हारा है मैंने , ये थी मेरी सब से बढ़ी
शिकस्त ।
हुई है तुम्हारी जीत , तुमने जीत ली है मेरी प्रीत , और अगले ही पल तुमने एक बड़ा जश्न माना डाला , हो मौक़ापरस्त ।
यक़ीन मानो ये थी मेरी सबसे ख़ूबसूरत हार , क्यूँकि अपना दिल हार कर ही मैं जीत सका तुम्हारा प्यार !!

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