मुलशंकर बने महर्षि दयानन्द – “डॉ गुलाब चंद पटेल”

जन्मे दयानन्द 12 फरवरी 1824 मोरबी टंकारा गुजरात
मुंबई की रियासत मोरबी काठीयावाड राजकोट
कुरीतियां अंध विश्वास का विरोध किया
आर्य समाज की स्थापना स्थापित किया

गांधीजी जेसे वीर पुरुषों को प्रभावित किया
जीवनभर वेदों उपनिषदों का अभ्यास किया

निराकार ओंकार मे प्रभु है नया दिशा दिया
1857 की क्रांति की क्रांति मे योगदान दिया

ब्राह्मण शब्द को कर्मोंसे सार्थक किया
मुलशंकर बने महर्षि दयानन्द सरस्वती

अनजान आभासी जीवन में अविवाहित रहे
अंग्रेज का जमकर दयानन्द ने विरोध किया

पत्थर की मूर्ति ने प्रश्न मन में खड़ा किया
ग्यान प्राप्ति से मुल शंकर बने सरस्वती

रोटी और कमल की योजना बनाई थी.
आजादी के लिए संतों की चेन बनाई थी

हिन्दी मातृभाषा विकास का संकल्प लिया
बाल विवाह कुप्रथा का विरोध कडा किया

अमानवीय सती प्रथा का भी विरोध किया
विधवा पुनः लग्नको मत दिया समर्थन किया

वर्ण भेद विरोध किया वर्ण व्यवस्था शब्द है
वैदिक ज्ञान से देश में प्रकाश फैला दिया

डॉ गुलाब चंद पटेल
अध्यक्ष महात्मा गांधी साहित्य सेवा संस्था गुजरात Mo 8849794377

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