

जयपुर (कानून व्यवस्था)। रक्तदान के क्षेत्र में नवयुवकों ने अपनी पहचान बनाने व जनसेवा के लिए बहुत आगे बढ़ते जा रहे है। नरोत्तम मीना ने बताया कि सारदा मीना गुरदह, निवासी, उम्र 20 वर्ष, सामान्य चिकित्सालय करौली में भर्ती थी। तो चिकित्सक ने रक्त का अभाव बताकर कहा कि महिला की डिलीवरी ऑपरेशन के द्वारा होगी तो रक्त की कमी आ सकती है। इसलिए रक्त की जरूरत है। अस्पताल में
रक्त के अभाव के कारण सारदा मीणा जिंदगी और मौत से जूझ रही थी। तो पीड़ित परिवार को सूचना मिली कि नरोत्तम मीना करौली व सुदामा मीणा और अंकुश मीना ! डीके सरपंच निर्मल गुरदह रक्त के क्षेत्र में जनसेवा करते रहते हैं।
जानकारी मिलते ही नरोत्तम. मीना करौली ने अपने दोस्त सुदामा मीना भाकरी को तुरंत प्रभाव से कॉल किया तो सुदामा मीना अपना निजी काम छोड़कर निजी खर्चे से करौली ब्लड बैंक पहुंचे और उस सारदा मीना को ब्लड की जरूरत को पूरा करने के लिए रक्तदान कर जान बचाई। नरोत्तम मीणा करौली ने सुदामा मीना भाकरी का आभार जताया। मोटीवेटर नरोत्तम मीना, निर्मल ! डीसी गुरदह अंकुश और डीके सरपंच। आदि सदस्यों का पीड़ित परिवार ने आभार व्यक्त किया।