
सजाओ आज पथ सारे,अवध मे सिया संग राम आये है।
राम लला एक मात्र,जग के पालनहार है।।
बजाओ ढोल मिल प्यारे,जगत आधार आये है।
सिया राम नाम का जग, को मिला यह उपहार है।।
मिटा कर द्वेष झगड़े सब, बसाने प्यार की दुनिया सिया राम आये है।
सिया राम का मेरे, मन मे सदा रहे संचार।।
प्रेम की गंगा बहाने, सुनो सिया राम आये है।
सिया राम नाम सर्वश्रेष्ठ है, इस जीवन का आधार है।।
कीर्ति उन्नत सिखर पर हो, सुखद परिणाम हो जाये।
प्रीति राघव शिरोमणि,घर आयोध्या धाम हो जाये।।
धर्म और अर्थ हो,संचित करो संधान प्रतिलक्षित।
सुरक्षित तीर तरकश,लक्ष्य श्री हरि सिया राम नाम हो जाये।।
वचन और मान मर्यादा,समर्पण ध्यान मे रख कर सिया राम आये है।
उदय सूरज की किरणो, से दिवाकर नाम हो जाये।।
लांघ जाये चरम सीमा, त्याग जब हो भरत जैसा।।
अतुलनीय प्रेम परिलक्षित,गमन सिया राम हो जाये।
सुखद अनुभूति का,अनुभव उपनिषद शास्त्र मंत्रो मे।।
मलिन अंत:कारण निलि॔प्त,ओ शाम हो जाये।
हृदय के द्वार पर खोलो,विनय के भाव नित बोलो।।
रीति रघुकुल की संचालित,काम निष्काम हो जाये।।
वचन रघुवंश सा संकल्प,दृढ विश्वास हो मन मे।
स्वर्ग सा संतुलित, वातावरण निज
गांम हो जाये।।
आज देखो आयोध्या मे सियाराम आये है
हास्य कवि व्यंग्यकार
अमन रंगेला “अमन” सनातनी
सावनेर नागपुर महाराष्ट्र