प्यार एक नियामत नहीं तो और क्या है-“निरेन कुमार सचदेवा”

क्या आप पानी पर पानी से लिख सकते हो, क्या आप पानी में आग लगा सकते हो ———???
जी हाँ, है मुमकिन, बस शिद्दत से इश्क़ कर के देखिए, बिलकुल फ़र्क़ नहीं पड़ता, इश्क़ बुढ़ापे में हो या जवानी में———।
क्या आप मिट्टी पर मिट्टी से लिख सकते हो, क्या आप चट्टानों को हिला सकते हो ?
जी हाँ, मुमकिन है , बस मोहब्बत शिद्दत से कर के देखिए, और फिर देखिए कितनी ताज़गी आ जाती है आपके खून की रवानी में ।
क्या आप नास्तिक को आस्तिक बना सकते हो, क्या आप काल्पनिक को वास्तविक बना सकते हो ?
जी हाँ, उस आस्तिक के जीवन में जला दीजिए प्रेम प्रीत का दीपक, फिर देखिए वो कैसे हो जाता है भावुक——-मंदिर जाने का इच्छुक।
प्रेम सच्चा होना चाहिए, फिर निश्चित है कि बदल जाता है आशिक़ का रवैय्या , क्योंकि फिर वो बन जाता है एक महबूबा का सैयाँ।
क्या आप हवाओं का रुख़ बदल सकते है, क्या आप करवा सकते हैं बिन मौसम बरसात।
जी हाँ, प्रीत की रीत निभायें, फिर देखिए कैसे बदल जाते हैं हालात।
क्या आप ख़िज़ा को फ़िज़ा बना सकते हैं, क्या आप इस धरती तो जन्नत का दर्जा दिला सकते हैं?
जी हाँ, शम्मा के घर का पता बता दीजिए किसी परवाने को, और प्रियतम्मा का दीदार करा दीजिए किसी दीवाने को।
प्रेम है शय करामाती, प्रेम बना देता है इंसान को जज़्बाती।
फिर आशिक़ पत्थर भी भी निकल सकता है पानी, और खुशहाल और ख़ुशनुमा बना सकता है ज़िन्दगानी———!
सच्चा प्यार है तो फिर आप मर मर कर जीना सीख सकते हो और जी जी कर मरना सीख सकते हो !!!
लेखक——-निरेन कुमार सचदेवा
Love ❤️ transforms lives, makes the impossible possible.

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