नारी शक्ति कविता-“शरीफ़ खान”

नारी, अदम्य शक्ति का प्रतीक, सृष्टि का आधार है ।
विश्वास, साहस, समर्पण तथा त्याग की प्रकाष्ठा है।
नारी स्वतंत्रता की प्रतिमा,स्वप्नों की असीम उड़ान है।
समर्थ, संघर्ष की प्रेरणा,हर चुनौती संघर्ष को देती वो विराम है।

माँ रूपी ममता, बहन रूपी मित्रता,
पत्नी रूपी सहिष्णुता व बेटी रूपी कोमलता।
प्रेम, वात्सल्य, संवेदना व करूणा से प्रेरित करती।
संसार को प्यार से हर विपत्ति, कष्ट को सहज झेलना सिखाती।

नारी है शक्ति का ज्वलंत प्रतीक,
समाज, सभ्यता का है आधार ।
अदम्य साहस, समर्पण की कुंजी,
सभी को जीवंत शिक्षा देती।
नारी, आकाश की परी, भावनाओं की हरियाली।
उसके चेहरे की चंचलता व मुस्कान, जैसे संगीत से सृष्टि की रागिनी।

नारी सूर्य की किरणों की देनांदिनी,
जीवन के अंधकार में नया उजियारा।
हर कठिनाई को नयी राह दिखाती, अद्भुत शक्ति से हर चुनौती संभालती।

नारी, नई सृष्टि की उमंग और तरंग साहस की मिसाल, प्रेम की प्रेरणा।
अंतर्मन की स्वतंत्रता, बनती रहस्य,
समाज की जागृति, जीव की प्रगति।

निर्भयता, पवित्रता और नवीनता का संगम।
सबके सपनों की वह अनंत परीक्षा, बदलाव की प्रतिपल धडकन।
नारी अंततः युगों युगों से अप्रतिम प्रेरणा का महाकाव्य।।

नाम+ शरीफ़ खान, जिला+ कोटा, प्रांत +राजस्थान

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