आप क्या सोचते हो ,कौन ज़्यादा अच्छी शायरी लिखता है “कवि——-निरेन कुमार सचदेवा।”

शीर्षक———एक अच्छा शायर कौन है???

आप क्या सोचते हो ,कौन ज़्यादा अच्छी शायरी लिखता है , एक टूटा नाकामयाब आशिक़ बिखरा हुआ ?
या फिर एक हँसता , मुस्कुराता हुआ कामयाब आशिक़ निखरा हुआ ?
टूटे दिल में क्या है , आँसू ही आँसू , सिसकियाँ ही सिसकियाँ !!
एक ख़ुश आशिक़ जिसकी महबूबा याद करती है , उसकी ज़िंदगी में हैं हिचकियाँ ही हिचकियाँ ।
इश्क़ कामयाब हो या नाकामयाब, तड़प तो दोनो में है , एक में बिछड़ने की तड़प , और दूसरे में मिलने की तड़प ।
एक तरफ़ इंकार है , दूसरी तरफ़ इकरार है , लेकिन सबब तो दोनो तरफ़ प्यार है ।
बिछड़ने पर टूटता है दिल, मिलने पर जुड़ता है दिल, दोनो तरफ़ तीर ऐ निशाना तो मन पर ही है ।
एक तरफ़ गमी हर गमी , दूसरी तरफ़ ख़ुशी ही ख़ुशी , लेकिन असर दोनो तरफ़ जीवन पर ही है ।
एक तरफ़ है मायूसी , दूसरी तरफ़ है मदहोशी , मिज़ाज तो दोनो हालात में बदलता है ।
एक तरफ़ आँसुओं की फुहारें , दूसरी तरफ़ रंगीन बहारें , लेकिन दिल तो दोनो जगह मचलता है ।
चाहे मिलन हो या जुदाई ,सब इन्सान ने ही है बनाई ।
दुख एक क़यामत है,सुख एक नियामत है ।
अकेलेपन में हम घबराते हैं ,एक अच्छा साथी मिलने पर सब इतराते हैं ।
एक आशिक़ इश्क़ में घायल हुआ, और एक नसीब वाला मोहब्बत मैं क़ायल हुआ, असर ज़ोरदार दोनो तरफ़ ही हुआ है ।
मजनू ने मरने की और आशिक़ ने जीने की, माँगी तो दोनो ने ही दुआ है ।
तो नाम आशिक़ी ही है, कामयाब हो या नाकामयाब ।
दिलों की धड़कनो में , दोनो के ही बेचैनी है जनाब ।
तो शायर तो दोनो ही मुकम्मल हैं , थोड़ा फ़र्क़ होगा बयान ऐ अन्दाज़।
एक होगा नासाज़ और दूसरे के हैं परवाज़ ।
यक़ीन मानो दोनो की है शायरी में माहिरी।
फ़र्क़ इतना ज़रूर है, इश्क़ में अगर हार मिली तो सूखा ही सूखा, लेकिन कामयाब अगर मोहब्बत है तो ज़िंदगी है हरी भरी !!!
कवि——-निरेन कुमार सचदेवा।

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