बादल रे बादल रे मेरे काले काले बादल
तुम आना रे मेरी ऊंची ऊंची अटरिया पर
मे नीद मे सो जाऊँ तेरे काले काले छाया
सपना मे खो जाऊँ तेरी मीठी मधुर यादो
कारे कारे बादल रे, कारें कारें बादल
हमे नीद से जगा जा रे, काले प्यारे बादल
हमने सुन्दर सपना सजाया रे, प्यारे प्यारे बादल
तुम सपनों में आ जा रे मेरे प्यारे अषाढी बादल
आकर मेरी अटरिया पर, मेरी ज़मी पर
तुम आकर हमे जगा जा रे काले अषाढी बादल
सपने में तुम आकर हमे भिगा जा रे,
मेरे जिगर जान तुम काले प्यारे बादल
बादल तुम दयालू जीवन सजा जा रे,
आंखो से नीद भगा जा रे, प्यारे प्यारे बादल
कभी तुम पवन संग आया रे,
प्रीत का संदेश तुम लाया रे, काले काले बादल
पवन संग हमे भिगोया रे,
बारिश में संग प्रिया नाच नचाया रे,
मेरे काले प्यारे प्यारे बादल
काले काले बदरा रे तुम,
मेरी अटरिया पर तुम जरूर आना रे,
प्रिया का संदेश तुम जरूर लाना रे
डॉ गुलाब चंद पटेल
अध्यक्ष महात्मा गांधी साहित्य मंच गांधीनगर