कठिन बहुत है सत्य की राह
कठिन बहुत है सत्य की राह
सत्य की डगर कठिन बहुत है
मुश्किल आती हजारों मनुज
पग पग ठोकर लगते पांवों में
सत्य सदा सत्य रहेगा मान लो
झूठ के पैर हजार तीव्र गति से
चाल इनकी झूठी शान नकली
फिर भी सीना तान कर चलते हैं
आज हर कोई सरल रास्ता चाहे
परिश्रम करना धैर्य धीरज नहीं है
सबसे आगे बढ़ना चलना चाहते
हर सच्ची झूठी सब कुछ कहानी
सत्य से ऊपर उठने हर प्रयास करें
सत्य धीमी धीमी गति से चल कर
एक दिन उजला सूरज बन चमके
सत्य साफ पानी में तस्वीरें बन
स्वच्छ आसमान में प्रतिबिम्ब
कठिन बहुत है सत्य की राह
पांव में छाले पड़ते फूटते जख्म
सत्य की राह पर चलने वाले
कभी ना डरते इन झूठे मक्कारों..
बस समय का इंतजार कर चुप्पी साध..!!
आरती तिवारी सनत दिल्ली