Posted inArticles ghazal साया..इतना गहरा क्यों है.? फलक पर आज छाया,ख़ामोश पहरा क्यों है…शब्बो ग़म की परछाइयों का साया..इतना गहरा क्यों है?? रोशन ए चिराग़… Posted by Rajni Prabha August 22, 2023
Posted inghazal poetry संग तकिए के नीचे रात रात भर संग तकिए के नीचे रात रात भर ,धूं धूं करके फफक पड़े थे आंगन में ।कई ख़्वाब जले… Posted by Rajni Prabha August 17, 2023
Posted inghazal poetry इबादत न वो इकरार करती है,न वो इनकार करती है।निगाहें भले फेर लेती है,मगर वो प्यार करती है। उसे… Posted by Rajni Prabha August 17, 2023
Posted inghazal poetry shayari शहाब ’शहाब’ ने बिखेरा अपना नूर, तो रौशन हुआ जोड़ा,फिर रुखसत हुआ जालिम, किसी और के डेरा। अपनी रंगत… Posted by Rajni Prabha August 15, 2023
Posted inghazal ग़ज़ल – बृजमोहन जितने सच्चे हैं हम लोग ।उतने झूठे हैं हम लोग ।। मेरा तेरा करने में ।कितना… Posted by Rajni Prabha August 1, 2023
Posted inghazal poetry ग़ज़ल ये दर्द दिल में जगा न होता अगर वो मुझसे ज़ुदा न होता। Posted by Rajni Prabha June 21, 2023