Posted inghazal poetry shayari मंजिल का सबको मिल पाना, इतना आसान नहीं होता ।__ “बृजेश आनन्द राय,” मंजिल का सबको मिल पाना, इतना आसान नहीं होता ।पहुँचे शिखरों पर भी टिकना, बिल्कुल आसान नहीं होता।।… Posted by Rajni Prabha April 22, 2024
Posted inghazal Press Note shayari एक हृदय थे हम दो नहीं एक हृदय थे हम__ "बृजेश आनन्द राय" एक हृदय थे हमदो नहींएक मन-प्राण थे हमदो नहींएक पूर्ण विचार… Posted by Rajni Prabha April 22, 2024
Posted inghazal poetry shayari कौन रहा है तुम बिन प्यारा।__ “बृजेश आनन्द राय” कौन रहा है तुम बिन प्यारा।संग, सखा और हृदय दुलारा।।एक तुम्हीं हो मधुऋतु-जाई।फूल सरीखी सुखद सुहाई।। रूप सलोना… Posted by Rajni Prabha April 22, 2024
Posted inghazal shayari तुम्हें फिर याद करते हैं __ “बृजेश आनन्द राय,” चलो हम आज रोते हैं,तुम्हें फिर याद करते हैं ।। सुबह का रूप है आगे ,नरम सी धूप… Posted by Rajni Prabha April 22, 2024
Posted inArticles ghazal poetry न जाओ,रुक जाओ!__ “बृजेश आनन्द राय,” न जाओ,रुक जाओ!तुम रुक गई तो'जीवन' यूँ ही नहीं बीत पाएगा…बल्कि, ये अपना एक-एक पलआत्मा द्वारा मन व… Posted by Rajni Prabha April 22, 2024
Posted inghazal poetry shayari आओ बच्चों, खेलें होली__ “बृजेश आनन्द राय,” कितनी सुन्दर अपनी टोली,आओ बच्चों, खेलें होली । पोपल-बाँस बनी पिचकारीरंग-रंग मारी बौछारीलल्लू, लल्लन, लल्ली, कारीसबकी-अपनी शोभा न्यारीपरबतिया… Posted by Rajni Prabha April 20, 2024
Posted inghazal poetry shayari जो कंधे पर हाथ रखे और दिल हल्का हो जाए , उसे कहते हैं friend . “कवि——निरेन कुमार सचदेवा।” शीर्षक——-मुझे अपने दोस्त बहुत अज़ीज़ हैं——— जो कंधे पर हाथ रखे और दिल हल्का हो जाए , उसे… Posted by Rajni Prabha April 20, 2024
Posted inghazal shayari कौन जज्बात दिल में सजाता नहीं। कौन इनको बनाके मिटाता नहीं।__ “एच. एस. चाहिल। बिलासपुर।” 🙏नमस्कार 🙏 २८-०३-२०२४/--------------------------------------------------/फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन२१२-२१२-२१२-२१२ कौन जज्बात दिल में सजाता नहीं।कौन इनको बनाके मिटाता नहीं। हर किसी… Posted by Rajni Prabha April 20, 2024
Posted inghazal poetry shayari धूप हमारे हिस्से की भी, हमें न मिली कभी।__”डा०अनिल गहलौत” धूप हमारे हिस्से की भी, हमें न मिली कभी।रही न अपने अधिकारों की क्यों बिलबिली कभी?? आगे बढ़कर… Posted by Rajni Prabha April 20, 2024
Posted inghazal shayari आप आओ तो सजा लें,जिन्दगी की बहारें।__ “स्वरचित/मौलिक रचना।” आप आओ तो सजा लें,जिन्दगी की बहारें।वक्त खुद का हम सजाएं,तो यहीं होंगी बहारें। दिल खुदी मिटने न… Posted by Rajni Prabha April 18, 2024