आओ बच्चों, खेलें होली__ “बृजेश आनन्द राय,”

कितनी सुन्दर अपनी टोली,आओ बच्चों, खेलें होली । पोपल-बाँस बनी पिचकारीरंग-रंग मारी बौछारीलल्लू, लल्लन, लल्ली, कारीसबकी-अपनी शोभा न्यारीपरबतिया…

जो कंधे पर हाथ रखे और दिल हल्का हो जाए , उसे कहते हैं friend . “कवि——निरेन कुमार सचदेवा।”

शीर्षक——-मुझे अपने दोस्त बहुत अज़ीज़ हैं——— जो कंधे पर हाथ रखे और दिल हल्का हो जाए , उसे…

कौन जज्बात दिल में सजाता नहीं। कौन इनको बनाके मिटाता नहीं।__ “एच. एस. चाहिल। बिलासपुर।”

🙏नमस्कार 🙏 २८-०३-२०२४/--------------------------------------------------/फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन२१२-२१२-२१२-२१२ कौन जज्बात दिल में सजाता नहीं।कौन इनको बनाके मिटाता नहीं। हर किसी…