Posted inEvents ghazal poetry मैं कलाकार हूं मैं,कलाकार हूंखुद का हूं आइना,खुद से हूं रूबरूखुद के ही रंग भरूंमैं तो साकार हूंमैं कलाकार हूं खेलता… Posted by Rajni Prabha April 8, 2024
Posted inArticles ghazal poetry आसान क्या है ,मुश्किल क्या है ? आसान क्या है ,मुश्किल क्या है ? प्रेम या नफ़रत?सच या झूठ?ईमानदारी या बेईमानी? कई किरदार एक चेहरे… Posted by Rajni Prabha April 8, 2024
Posted inghazal poetry इश्क़ ओ मोहब्बत , नियामत नहीं तो और क्या हैं-“निरेन कुमार सचदेवा” छोड़ तो दूँ लिखना मैं अभी के अभी , लेकिन किसी की साँसें चलतीं हैं लफ़्ज़ों से मेरी… Posted by Rajni Prabha March 27, 2024
Posted inghazal shayari ग़लतियाँ बार बार नहीं दोहरानी चाहिए-“निरेन कुमार सचदेवा” होतीं हैं ग़लतियाँ हरेक से मगर , कुछ जानते नहीं , कुछ मानते नहीं ।कुछ समझते नहीं ,… Posted by Rajni Prabha March 27, 2024
Posted inghazal poetry सृजन शब्द ज़िन्दगी-“एच. एस. चाहिल” सजाते रहे हम खुशी ज़िन्दगी की।मगर साथ दिल की खुदी मिट रही थी। भला कौन देता खुशी ज़िन्दगी… Posted by Rajni Prabha March 25, 2024
Posted inghazal गजल -हिमांशु पाठक रात भर करवटें, वो बदलती रही।सिलवटें चादरें उसकी कहती रहीं।। यादों में,रात में उसकी मैं ही मैं था।हिचकियां,रातभर,… Posted by Rajni Prabha March 8, 2024
Posted inghazal poetry वजूद-“प्रतिभा पाण्डेय” जीवन के अनोखे अजूबे चार दिन,गम खुशी हँसी मुस्कान के किस्से गिन ।मौत की महबूबा पर चाबुक कसकर,आनन्दित… Posted by Rajni Prabha February 27, 2024
Posted inghazal अनाड़ी-“हलधर” अनाड़ी ने कभी जानी नहीं सीरत मुहब्बत की ।कबाड़ी क्या लगाएगा सही कीमत इमारत की । हमारे पास… Posted by Rajni Prabha February 27, 2024
Posted inghazal मज़हबी उन्माद-“हलधर” मज़हबी उन्माद में कुछ मुल्क हैं ख़ाना ख़राब ।कौन सा इस्लाम है आतंक है जिसका रकाब । आ… Posted by Rajni Prabha February 27, 2024
Posted inArticles ghazal हमने की कुछ ऐसी तीरन्दाज़ी, कि इश्क़ ने मार ली बाज़ी-“निरेन कुमार सचदेवा” तुम उलझे रहे हमें आज़माने में, और हम हद से गुज़र गएतुम्हें चाहने में ——!अब ये तो तुम्हें… Posted by Rajni Prabha February 10, 2024