Posted inghazal poetry डगमगाती-“डाॅ०अनिल गहलौत” डगमगाती,अचकचाती नाव कागज की तुम्हारी।चल दिए लेकर भँवर में, है नहीं क्या जान प्यारी?? हो रहे कुछ साँप… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024
Posted inghazal poetry राम-नाम की खीर अनन्य।-“डाॅ०अनिल गहलौत” राम-नाम की खीर अनन्य।खा नर भर-भर, हो जा धन्य।। चले निरंतर अजपा जाप।नाम राम-सा सरल न अन्य।। राम-नाम… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024
Posted inghazal poetry खूँटी टाँग आँख का पानी-“डाॅ०अनिल गहलौत” खूँटी टाँग आँख का पानी, कुर्सी गए विराज।ओढ़ी चादर, 'तुंबनखाँ' ने, तजी लोक की लाज।। लेकर सबको आगे-आगे,… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024
Posted inghazal poetry चाँद को छूने चले पर(सजल)-“डाॅ०अनिल गहलौत” चाँद को छूने चले पर, है अभागा हाथ काला।अब कहो कैसे कहाँ से, तोड़कर लाएँ उजाला।। बोल तो… Posted by Rajni Prabha February 3, 2024
Posted inghazal संकल्पों को पर्वत कर लें-“डाॅ०अनिल गहलौत” संकल्पों को पर्वत कर लें, धीरज को कर लें रत्नाकर।विस्तृत नील गगन कर लें मन, झाँकें तो खिड़की… Posted by Rajni Prabha January 23, 2024
Posted inghazal poetry हिंदी में कविता-“शरीफ खान” ज़माने की तरह अपना चलन बदलानहीं करते,अँधेरों से उजाले कोई समझौतानहीं करते |तुम अच्छे हो अगर थोड़े सेगैरत-मंद… Posted by Rajni Prabha January 23, 2024
Posted inghazal poetry राम-विरोधी नित्य नए शर-“डाॅ०अनिल गहलौत” राम-विरोधी नित्य नए शर, चुन-चुनकर संधाने!राम-नाम अनमोल रतन है, मूढ़ भला क्या जाने?? जिस पर कृपा राम की… Posted by Rajni Prabha January 23, 2024
Posted inArticles ghazal नौकरी के बाद बदलने वाली लाइफ पर कुछ पक्तियां -“Anand Parjapati” ट्रेनिंग के वो 18 दिन कट गया घर के बिन अब लौट आए घर पर निगाहे पड़ी सब… Posted by Rajni Prabha January 23, 2024
Posted inghazal स्वयं प्रकाशी-“डाॅ०अनिल गहलौत” स्वयं प्रकाशी, घट-घट-वासी, मुदमय मंगलकारी राम।सत-अभिलाषी, असत विनाशी, असुरों पर नित भारी राम।। मर्यादा-पुरुषोत्तम, त्यागी, सत्पथगामी, व्रती अनन्य।मानवधर्मी,… Posted by Rajni Prabha January 23, 2024
Posted inghazal नयी ले के फिर खुशियाँ नया साल आया है-“विकास अग्रवाल” नयी ले के फिर खुशियाँ नया साल आया है ।हो रोशन रहीं अँखियाँ नया साल आया है ।।… Posted by Rajni Prabha January 23, 2024