Posted inghazal दिलवर वो मुझको अपना बना कर चले गये-“विकास अग्रवाल” दिलवर वो मुझको अपना बना कर चले गये ।बेहद हसीं-सा ख़्वाब दिखा कर चले गये ।। मत्ला ।।… Posted by Rajni Prabha January 23, 2024
Posted inghazal आता की बंदिश-“विकास अग्रवाल” रूह से रूह का रिश्ता ही मुझे भाता है ।शक्ल से प्यार तो दीवाना बना जाता है ।।… Posted by Rajni Prabha January 23, 2024
Posted inghazal poetry अपनी ज़िन्दगी के बारे में आप क्या सोचते हो-“निरेन कुमार सचदेवा” क्या सोचते हैं आप , ज़िंदगी नायाब हैं या आज़ाब ?क्या सोचते हैं आप ,ज़िंदगी निकम्मी है या… Posted by Rajni Prabha January 23, 2024
Posted inghazal ग़ज़ल-“बृजमोहन” कोई अपना रुआब देने लगे ।तल्ख़ियों में जवाब देने लगे ।। जिन्हें लायक बना दिया हमनें ।दोष वे… Posted by Rajni Prabha January 10, 2024
Posted inghazal ग़ज़ल-“सन्तोष पांडेय” अंतर्मन की पीड़ा पीकर, लोगों को हँसते देखा lरोज अर्थ में डूब डूब कर, लोगों को मरते देखा… Posted by Rajni Prabha December 21, 2023
Posted inghazal ग़ज़ल-“सन्तोष पांडेय” "सरित" रात को तारा टूटा, बिलकुल मेरे जैसा था lहँसता रहा गगन में चंदा, वह भी तेरे जैसा… Posted by Rajni Prabha December 21, 2023
Posted inghazal poetry आधे-अधूरे से-“डाॅ.कृष्णा मणिश्री” जर्द हैं सांसेदग्ध हैहृदय का हर कोनाकैसे समझाऊंनहीं चाहता दिलकिसी का होना प्रेम केहर हर्फआधे-अधूरे रहेशब्द कममौन ज्यादायूं… Posted by Rajni Prabha December 21, 2023
Posted inghazal तरही ग़ज़ल-“विकास अग्रवाल “ ग़ज़ल कहने के लिए सानी मिसरा - दिल-ए-दुश्मन ये मुझे घेर के फिर लाता है ।। पूरा शेअर… Posted by Rajni Prabha December 5, 2023
Posted inghazal poetry यह मत सोचो सूर्य हो गया-“डाॅ० अनिल गहलौत” यह मत सोचो सूर्य हो गया, तड़ी पार क्यों है?है अपराध पूछना भी अब, अंधकार क्यों है?? कौन… Posted by Rajni Prabha December 5, 2023
Posted inghazal दिल की खुदी-“एच. एस. चाहिल” दिल की खुदी सजे तो, जज्बे न मिटते दिल के।तामील वक्त से हो, हालात खिलते दिल के। कुदरत… Posted by Rajni Prabha November 27, 2023