Posted inghazal shayari ये आँसू मेरे दिल की ज़ुबान हैं कवि——-“निरेन कुमार सचदेवा।” ——ये आँसू मेरे दिल की ज़ुबान हैं——— जब लबों पर जगह नहीं मिलती , लफ़्ज़ आँखों में रहने… Posted by Rajni Prabha April 13, 2024
Posted inArticles Events ghazal चाहती गर्दिश हमेशा अहमियत उसको मिले। ” एच. एस. चाहिल। बिलासपुर।” चाहती गर्दिश हमेशा अहमियत उसको मिले।हम न देते अहमियत तो ये नहीं हमको मिले। क्यों सुनाएं गर्दिशों की… Posted by Rajni Prabha April 12, 2024
Posted inArticles Events shayari चाँद घनघोर घन का निवाला हुआ। __”डाॅ०अनिल गहलौत” चाँद घनघोर घन का निवाला हुआ। चाँदनी रात का गात काला हुआ।। आवरण में छिपे शब्द थे अनखुले।वाक्य… Posted by Rajni Prabha April 12, 2024
Posted inghazal shayari कि उसकी बेरुखी हुई, मुझमें,मैं ही ना रहा ___ “डॉ विनोद कुमार शकुचन्द्र” कि उसकी बेरुखी हुई, मुझमें,मैं ही ना रहादुश्मन ये आशिकी हुई,मुझमें,मैं ही ना रहा मुझको देख हंस रहा… Posted by Rajni Prabha April 12, 2024
Posted inArticles poetry shayari धैर्य और शक्ति का द्योतक माता शैलपुत्री — “सत्येन्द्र कुमार पाठक” सनातन धर्म का शाक्त सम्प्रदाय के ऋग्वेद , पुराणों एवं उपनिषदों में माता शक्ति के नौ रूप में… Posted by Rajni Prabha April 9, 2024
Posted inshayari हिंदू नववर्ष– “रजनी प्रभा” महुआं ने अंगराई ली, चहुं ओर बासंती बयारआम्र देख बौराए मन,किया धरती ने धानी श्रृंगार। सीमर की शोभा… Posted by Rajni Prabha April 9, 2024
Posted inArticles shayari चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भारतीय हिंदी नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भारतीय हिंदी नववर्ष स्वरचित कृति: शरीफ़ खान, भारत धरा बसंती बयार युक्त होकर,पूरा देश एक सूत्र है इस रोज़।अवनि और अंबर हर्षित होकर, बह रही… Posted by Rajni Prabha April 9, 2024
Posted inArticles Events ghazal सूरज देख लिया हो जिसने, उसे न सोहें चाँद-सितारे। —- डाॅ०अनिल गहलौत सूरज देख लिया हो जिसने, उसे न सोहें चाँद-सितारे।राम-रसायन के आगे हैं, फीके अन्य रसायन सारे।। छोड़-छाड़ सब… Posted by Rajni Prabha April 8, 2024
Posted inArticles Events poetry मूढ़ मनुज को दिखी प्रकृति अनमनी नहीं। मूढ़ मनुज को दिखी प्रकृति अनमनी नहीं।उसको दिखतीं इसकी भौंहें तनी नहीं। एक अँधेरा पहने खड़ी निशा बोझिल।बुझा-बुझा… Posted by Rajni Prabha April 8, 2024
Posted inEvents ghazal poetry मैं कलाकार हूं मैं,कलाकार हूंखुद का हूं आइना,खुद से हूं रूबरूखुद के ही रंग भरूंमैं तो साकार हूंमैं कलाकार हूं खेलता… Posted by Rajni Prabha April 8, 2024