Posted inArticles poetry क्षणिकाएं Posted by Rajni Prabha August 28, 2023No Comments क्षणिकाएं (1) किसी गुफा में नहीं,दुनिया में रहता हूं।नेतृत्व करता हूं..हर उस किसी का –जो ‘खुश’ रहता है।। (2) बिजली कौंधी,राह सूझी।‘धन्य’ हुआ मैं !यह जानकर…ऊपर बैठा है कोई,राह दिखानेवाला।।अक्षय राज शर्मा Rajni Prabha View All Posts Post navigation Previous Post “विश्वास” और “आस”Next Postजीवन बड़ा ही अद्भुत है..