
शीर्षक——-ज़िन्दगी का भरपूर मज़ा कीजिए———-
जो कट गयी वो तो उम्र थी , जिसे जी लिया उसे ज़िंदगी कहिए !
जो ईश्वर के लिए की ,वो है पूजा , जो महबूब के लिए की उसे बन्दगी कहिए ।
प्यार में दी गयी बेवफ़ाई है दरिंदगी , और वफ़ा ऐ प्यार में झुकी नज़रों को शर्मिंदगी कहिए !
सड़कों पर तो कचरा फैला ही रहता है , दिलों में फैली मैल को गंदगी कहिए ।
जो निस दिन बीतत्ता है , वो है समय , जो मस्ती से बिताया जाता है , उसे कहिए वक़्त !
जीने के लिए जो ज़रूरी है , वो है पानी , लेकिन जोशे जवानी और रवानी के लिए जो लाजिम है , वो है रक्त !
जो सिर्फ़ मतलब के लिए इबादत करता है , वो है ढोंगी , जी नियम से पूजा करता है वो है भक्त !
अच्छे वक़्त तो सब यार होते हैं , जो बुरे वक़्त में साथ दे , वो है सशक्त ।
हवस बुझाने के लिए की जाए वो है कोशिश, जो प्यार की आग बुझाने के लिए की जाए , उसे कहते हैं ख़्वाहिश !
कुछ अमानवीय लोग औरों को नीचा दिखने की करते हैं साज़िश , और कुछ लोग तहज़ीब , एकता और समानता में अटल विश्वास रखते हैं , क्यूँकि उन्हें बचपन से मिली होती है अच्छी परवरिश !
जो time pass के लिए की जाए , उसे कहते हैं आवारगी , जो परवाने जैसे की जाए उसे कहते हैं दीवानगी ।
जो दिलों को एक कर दे वो है अच्छा सलूक , जो दिलों को अलग कर देता है , वो है रसूक !
जिसका कभी कभी ही ज़मीर ज़िंदा होता है , वो है अमीर , अमुमन ग़रीबों का हमेशा ज़िंदा रहता है ज़मीर ।
प्यार के रोगी को बीमार कहते हैं , लेकिन प्यार प्रीत में जो हासिल होता है उसे क़रार कहते हैं ।
जो ख़ुशी दे उसे मुराद कहते हैं , जो इस ख़ुशी की राह में रुकावट पैदा करें , उन्हें नामुराद कहते हैं ।
जो लालची , दग़ाबाज़ हैं , उन्हें संसारी कहिए , जो आजकल की modern दुनिया में भी उचित मार्ग चुनते हैं , उन्हें संस्कारी कहिए ।
और आख़िर मैं ये कहता हूँ , कि दरिंदगी फैलाने वाले को शैतान कहिए , और इस दरिंदगी को रोकने वाले को एक महान इंसान कहिए !
कवि——-निरेन कुमार सचदेव।