कलम के पुजारी
कलम के पुजारी अब जाग जाएं,
निरक्षरता को भारत से दूर भगाएं।
उठो जागो सभी को साक्षर बनाएं।
ज़रा चुप बैठोगे, परिणाम सोच लो।
धरा बेच देंगे,गगन बेच देंगे,
फूलों से भरा हुआ चमन बेच देंगे।
कलम के पुजारी अगर सो गये तो।
वतन के पुजारी ,वतन बेच देंगे।
आजाद भारत का तस्वीर देख लो
बेरोज़गारी, अशिक्षा, गरीबी परख लो।
जहां भी चलो तुम ,कलम पास रख लो।
संगीन के साए में सोता है भारत,
सीमा पर हर बार ख़ून के छींटें धोता है भारत।
कलम की ताकत को सभी परख लो।
दिनकर की एक -एक लेखन को पढ़ लो।
उठने न पाए कभी दुश्मन का सर।
जहां चाहो तुम वहां कुचल दो।
फूलों सा बगिया उजड़ने ना दो तुम।
कलम के पुजारी अगर सो गये तो,
वतन के पुजारी वतन बेच देंगे।
धरा बेच देंगे,गगन बेच देंगे
फूलों से भरा हुआ चमन बेच देंगे।
कौशल किशोर जी पटना, बिहार डीएवी पब्लिक स्कूल थावे,गोपालगंज शिक्षक।