देश की रक्षा हेतु
वीरों ने सदा प्राण गवाएं.
तन मन अपना वार दिया
बसंती रंग खेली होली ..
बहुत कीमती आजादी
युद्ध सदा ही वीभत्स
कारगिल बड़ी कठिन घड़ी
देश के नौजवानों ने..
अपनी जान की कीमत दी..
याद करते उन शहीदों को
जिसने हंसते हंसते जंग जीता
सो गए मां भारती के लाल
अपनी मां की आंचल में..
चिर निद्रा में लीन सिपाही
मां भारती थपकी दे रोती..
उठो लाल मैं बेबस थी..
रक्षा मां होकर कर न सकी
गुलामी के बेड़ियों से मुक्ती
मां भारती प्रतीक्षा रत..
आओ भगत, चंद्रशेखर मंगल
शहीद मेरे बलिदानी पुत्रों
ऋणी सदा देश तुम्हारा..!!
आरती तिवारी सनत दिल्ली