एक बार कक्षा में शिक्षक ने
बच्चों से पूछा कि बच्चों
ये बताओ कि कविता
क्या होती है…..?
किसी ने कहा …
कविता मन की अनभूति होती है
किसी ने कहा
विचारों की अभिव्यक्ति होती है
और किसी ने कहा
अंदर के जज्बात को
कागज पर उकेरी जाती है
कक्षा के अंतिम छोर पर
एक छात्र अकेले बैठे
किसी के खयालों में
खोया हुआ था
शिक्षक ने उस छात्र से पूछा
तुम बताओ कविता क्या है
वो छात्र धीरे से
अपनी जगह खड़ा हुआ
और बड़े गंभीर मुद्रा में
पहले अपने आप को तौला
फिर धीरे से बोला कि
कविता मेरी जिंदगी है
कविता मेरी बंदगी है
जिस दिन उसे नहीं देखता हूं
उस दिन मेरा खाना हजम नहीं होता
रात को नींद नहीं आती
दिन में चैन नहीं मिल पाता
शिक्षक ने कहा…
वाह बेटा शाबाश
बड़े होकर एक दिन अपना
और परिवार का नाम रोशन करोगे
और जीवन में कुछ बनो या न बनो
शायर बनकर अपने टूटे दिल पर
शायरी का मरहम जरूर लगाओगे !
एस के नीरज