कृष्ण कन्हैया रे:
कृष्ण कन्हैया रे ऐसी बंसी बजा दे रे….(2)
गोकुल की तरह तु भारत को सजा दे रे,
कृष्ण कन्हैया रे….
महामारी न फैले रे, एसी पवन चला दे रे,
कृष्ण कन्हैया रे…..
ऎसा बाग बना दे रे (2)
रंग बिरंगी फूल खिला दे रे (2)
कृष्ण कन्हैया रे…..
भक्तों मे आशा जगा दे रे (2)
एसी बंसी बजा दे रे
कृष्ण कन्हैया रे….
पशु पंखि का स्थान बना दे रे
कृष्ण कन्हैया रे…..
भारत को विश्व गुरु बना दे रे
कृष्ण कन्हैया रे…
ऎसा बाग बना दे रे, (2)
कृष्ण कन्हैया रे…
उसमे गुलाब के फूल खिला दे रे (2)
कृष्ण कन्हैया रे….
डॉ गुलाब चंद पटेल
कवि लेखक अनुवादक