मैं कम लिखता हूँ, कारण जानते हो?
डॉक्टर पर लिखो कईं जांचे व्यर्थ करवाते हैं.
बैंक वालों पर लिखो तो सिग्नेचर झुठलाते हैं.
मास्टरों पर लिखो तो वो सदियों के उपदेश सुनाते हैं.
पुलिस और बकील तो कोर्ट का संदेश सुना जाते है.
राजनीति पर लिखो तो चमचे गुलाम टूट पड़ते हैं.
रिश्तों पर लिखो तो, काचरे के बीज फट पड़ते है.
लौकी टिंडे भिंडी पर तो बेलन चिमटे चल जाते है.
ये मित्र ही है जो मेरे शब्दों को भी पचा जाते हैं.