पुरुष (कविता)

पुरुष (कविता)

कि उसने कभी देखा नहीं बारिश,धूप,सर्दी या बीमारी तत्पर रहा उस शक्स के लिय, जहां उसे लगी थोड़ी सी भी जरूरत मदद की।
इश्क़

इश्क़

जो बात तेरी और मेरी थी,, उस बात को जग ने जाना क्यों? जब मशहूर ही होना था तुझको,, तो बनता था मेरा दीवाना क्यों?
मां।

मां।

मेरे चेहरे की शिकन उसे परेशान कर देती है।2 वह मां ही है जनाब जो बच्चों पर अपनी जान दे देती है।।
मेरे हमसफर

मेरे हमसफर

सब खोकर जिसे पाना चाहे दिल,चाहत का वो अरमान हो तुम। दिल,जिगर,धड़कननही,मेरि तो अब जान हो तुम।।
पथ के प्रेमी (कविता)

पथ के प्रेमी (कविता)

हम आज के पथ के प्रेमी है, कल की हमको परवाह नही। अंगारों पे चल जायेगे, क्यूं मिलेगी हमको राह नही? है सोच नई,है सत्य नया,,,,                                  
जीवन और योग

जीवन और योग

उतरी गोलार्ध का सबसे बड़ा दिन 21 जून को माना जाता है।इस दिन सूर्य जल्दी निकलता है और देरी से डूबता है।ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और सूर्य के दक्षिणायन का समय अत्याधिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी माना जाता है।
किशोरों में बढ़ते अपराध और भटकता बचपन

किशोरों में बढ़ते अपराध और भटकता बचपन

किशोरों में अपराध के बढ़ते मामलों पर यदि विचार करें तो हम पाएंगे कि प्रतिवर्ष कम से कम 500से अधिक बच्चे किसी अपराध में संलिप्त पाए गए हैं! किशोरावस्था में व्यक्तित्व के निर्माण तथा व्यवहार के निर्धारण में वातावरण का बहुत हाथ होता है।
शहर (कविता)

शहर (कविता)

न भाया शहर हमको तेरा,, रौशनी की न गुंजाइशे हैं,, हर तरफ सिर्फ छाया अंधेरा,,,
काश (कविता)

काश (कविता)

काश देख पाती कभी तुझे, जब तू थक कर लेटा हो मेरी आगोश में,, उस पल में और कोई न हो मैं,तुम और ये नीला आसमान हो।
बेमेल रिश्तों की बोझिल तस्वीर:खैरियत है हुजूर (उर्मिला शिरीष)

बेमेल रिश्तों की बोझिल तस्वीर:खैरियत है हुजूर (उर्मिला शिरीष)

21वीं सदी में भी हमारे समाज में लड़कियों का स्वच्छंदविचारवादी होना गवारा नहीं।उसका अपने जीवन से जुड़े फैसले स्वयं लेना जैसे किसी अनचाहे गुनाह को न्योता देने जैसा समझा जाता है