
रंग लगाऊं तुझे,आजा प्यार से मैं
प्यार दिखाऊं तुझे,आजा प्यार से मैं
रंग जमाए प्यार का,ढोल नगाड़ों संग
आज नचाऊ तुझे,आजा प्यार से मैं
रंग नजारों का,सितारों का,बहारों का
गहरा चढ़ाऊं तुझे,आजा प्यार से मैं
रंग दोस्ती का और रंग अपनेपन का
सब समझाऊं तुझे,आजा प्यार से मैं
रंग जिंदगी में भर जाएं खुशियों के
हंसाता जाऊं तुझे,आजा प्यार से मैं
डॉ विनोद कुमार शकुचंद्र
बहुत ही प्यार भरी पंक्तियां लिखी आपने