असफलता मिले तो घबराना नहीं
किसी की बातों में आना नहीं।
अपने जीवन के सुख की चाबी को किसी के हाथ में थमाना नहीं।
असफलता अनुभव देती है।
सफलता की वह चहेती है।
वह तुम्हारी त्रुटियां तुम्हें समझाती
और सफलता की राह बताती है।
निंदा रस में मन लगाना नहीं
अपनी असफलताओं के लिए किसी को दोषी ठहराना नहीं,
उम्मीद का दामन थामे रखना
मंजिल मिलेगी तुम्हें आस-पास ही कहीं।
उम्मीद पर यह संसार टिका है,
वरना भविष्य अपना किसे पता है?
उम्मीद से मन के द्वार खुलते हैं।
प्राणियों में नया उत्साह भरते हैं।
उत्साही जन जब कर्मरत होते हैं।
मुस्कान अपने जीवन में भरते हैं।
सकारात्मकता मन में आते ही
प्रत्येक क्षेत्र में सफल वे होते हैं।
मधु वशिष्ठ फरीदाबाद हरियाणा