Posted inShort Story
मदद (लघुकथा)
रामू की मां रामू से कहती है, 'बेटा आज जेष्ठ शुक्ल पक्ष की गंगा दशमी तिथि है।मुझे गंगा स्नान करा दो तो बड़ा उपकार होगा। मुझे मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी। मैं मुक्त हो जाऊंगी।तूने मेरे लिए बहुत किया है। ले चल बेटा।'
रामू आज्ञाकारी पुत्र था।वह अपनी मां को ले गंगा स्नान को चल देता है। वहां भव्य मेले और यज्ञ का आयोजन किया गया है।मंत्री,विधायक सहित सभी बड़े पदाधिकारी वहां मंचन कर रहे हैं।पर्यावरण पर किए गए अपने -अपने कार्यों की सभी बढ़ा चढ़ाकर प्रस्तुति दे रहे हैं।