Posted inShort Story दर्द (लघुकथा) सुधा खुद को आईने में देख फूली न समा रही थी।कभी अपने गजरे को देखती कभी अपनी चूरियों को तो कभी अपने सुर्ख लाल जोड़े को। Posted by Rajni Prabha March 22, 2022