शिव आराधना

शिव आराधना

दोहा (गीतिका ,गजल,सजल,पूर्णिका,)या छन्दाचार्य जो भी उचित इस विधा की  नामकरण करें।किसी समूह में यह सजल है,कहीं,गीतिका कहते…
विकास की प्रीति

विकास की प्रीति

2007/6/25तिथि को बना था, अद्भुत ग्रह नक्षत्रों का संयोग। जब पधारे थे हमारे आंगन, सर्वगुण संपन्न अतिथि विशेष।
इश्क़

इश्क़

जो बात तेरी और मेरी थी,, उस बात को जग ने जाना क्यों? जब मशहूर ही होना था तुझको,, तो बनता था मेरा दीवाना क्यों?
मां।

मां।

मेरे चेहरे की शिकन उसे परेशान कर देती है।2 वह मां ही है जनाब जो बच्चों पर अपनी जान दे देती है।।
मेरे हमसफर

मेरे हमसफर

सब खोकर जिसे पाना चाहे दिल,चाहत का वो अरमान हो तुम। दिल,जिगर,धड़कननही,मेरि तो अब जान हो तुम।।
शहर (कविता)

शहर (कविता)

न भाया शहर हमको तेरा,, रौशनी की न गुंजाइशे हैं,, हर तरफ सिर्फ छाया अंधेरा,,,
काश (कविता)

काश (कविता)

काश देख पाती कभी तुझे, जब तू थक कर लेटा हो मेरी आगोश में,, उस पल में और कोई न हो मैं,तुम और ये नीला आसमान हो।
अच्छा लगता है

अच्छा लगता है

सुबह-सुबह घर के कामों में व्यस्त रहता मुझे देखकर मेरे लिए तुम्हारा एक कप चाय बना देना बड़ा अच्छा लगता है!