विचार करें
विचार करने योग्य प्रश्न:
जिस सम्राट के नाम के साथ संसार भर के इतिहासकार “महान” शब्द लगाते हैं; जिस सम्राट का राजचिन्ह अशोकचक्र भारत देश अपने झंडे में लगता है; जिस सम्राट का राजचिन्ह चारमुखी शेर को भारत देश राष्ट्रीय प्रतीक मानकर सरकार चलाती है और सत्यमेव जयते को अपनाया गया; जिस देश में सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान सम्राट अशोक के नाम पर अशोक चक्र दिया जाता है; जिस सम्राट से पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ, जिसने अखंड भारत (आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान) जितने बड़े भूभाग पर एक छत्र राज किया हो; जिस सम्राट के शासनकाल को विश्व के बुद्धिजीवी और इतिहासकार भारतीय इतिहास का सबसे स्वर्णिम काल मानते हैं; जिस सम्राट के शासनकाल में भारत विश्वगुरु था, सोने की चिड़िया था, जनता खुशहाल और भेदभाव रहित थी जिस सम्राट के शासनकाल जीटी रोड जैसे कई हाई-वे बने, पूरे रोड पर पेड़ लगाये गए, सरायें बनायी गईं, इंसान तो इंसान जानवरों के लिए भी प्रथम बार हॉस्पिटल खोले गए, जानवरों को मारना बंद कर दिया गया; ऐसे महान सम्राट अशोक की जयंती उनके अपने देश भारत में क्यों नहीं मनायी जाती, न ही कोई छुट्टी घोषित कि गई है?
यह बड़े ही दुःख और चिंता की बात हैं कि जिन लोगों को यह जयंती मनानी चाहिए, वे लोग अपना इतिहास ही नहीं जानते और जो जानते हैं, वे मानना नहीं चाहते।
“जो जीता वही चंद्रगुप्” ना होकर जो जीता वही सिकन्दर कैसे हो गया? जबकि यह बात सभी जानते हैं कि सिकंदर की सेना ने चन्द्रगुप्तमौर्य के प्रभाव को देखते हुये ही लड़ने से मना कर दिया था। बहुत ही बुरी तरह मनोबल टूट गया था, जिस कारण सिकंदर ने मित्रता के तौर पर अपने सेनापति सेल्युकश कि बेटी की शादी चन्द्रगुप्त से की थी।
महाराणाप्रताप महान ना होकर अकबर महान कैसे हो गया? जबकि अकबर अपने हरम में हजारों लड़कियों को रखैल के तौर पर रखता था, यहाँ तक कि उसने अपनी बेटियों और बहनों की शादी तक पर प्रतिबँध लगा दिया था जबकि महाराणा प्रताप ने अकेले दम पर उस अकबर के लाखों की सेना को घुटनों पर ला दिया था।
सवाईजयसिंह को महान वास्तुप्रिय राजा ना कहकर शाहजहाँ को यह उपाधि किस आधार मिली? जबकि साक्ष्य बताते हैं कि जयपुर के हवा महल से लेकर तेजोमहालय {ताजमहल} तक महाराजा जय सिंह ने ही बनवाया था।
जो स्थान महान मराठा क्षत्रिय वीर शिवाजी को मिलना चाहिये वह क्रूर और आतंकी औरंगजेब को क्यों और कैसे मिल गया?
स्वामी विवेकानंद और आचार्य चाणक्य की जगह विदेशियों को हिंदुस्तान पर क्यों थोप दिया गया?
तेजोमहालय – ताजमहल, लालकोट – लाल किला, फतेहपुर सीकरी का देव महल – बुलन्द दरवाजा एवं सुप्रसिद्ध गणितज्ञ वराह मिहिर की मिहिरावली (महरौली) स्थित वेधशाला – कुतुबमीनार, क्यों और कैसे हो गया?
यहाँ तक कि राष्ट्रीय गान भी संस्कृत के वन्दे मातरम की जगह गुलामी का प्रतीक जन-गण-मन हो गया है कैसे और क्यों हो गया?
और तो और हमारे आराध्य भगवान् राम कृष्ण तो इतिहास से कहाँ और कब गायब हो गये पता ही नहीं चला, आखिर कैसे?
यहाँ तक कि हमारे आराध्य भगवान राम की जन्मभूमि पावन अयोध्या भी कब और कैसे विवादित बना दी गयी, हमें पता तक नहीं चला?
कहने का मतलब यह है कि हमारे दुश्मन सिर्फ बाबर, गजनवी, तैमूरलंग ही नहीं हैं बल्कि आज के सफेदपोश तथाकथित सेक्युलर भी हमारे उतने ही बड़े दुश्मन है।
Shri N. R. Kadwal जी की फ़ेसबुक वाल से लिया गया लेख।
प्रेम से बोलिए: श्री राम जय राम जय जय राम
संकलन: अरुण कुमार बजाज