वो अल्हड़ सी लड़की – आनंद बलौदा(शोधार्थी)

वो अल्हड़ सी लड़की – आनंद बलौदा(शोधार्थी)

जिसका,
जिद करना,
मचल जाना,
फिर उसका यूं,
संभल जाना,
संभलकर कर फिर,
मचल जाना,
फिर बच्चों सा मुस्काना,
दिल के भाव जुबां पर लाना,
फिर कहते कहते ही रुक जाना,
मुझे याद बहुत आती है…
…..वो अल्हड़ सी लड़की
कभी,
बच्चों सी नादानियां,
कभी,
वर्षों की सी सावधानियां,
कभी चेहरे पर मुस्कान लाकर
फिर उसको छिपा जाना,
कभी भावों से अतिरेक आंखे,
फिर उन भावों का गोपन,
कभी नयन भरते मादकता,
कभी चेहरे पर भोलापन,
करना कुछ है,
करती कुछ है,
न जाने कहां,
खोई रहती है,
नयन मिलाती,
फिर शर्माती,
कहना कुछ है,
कह कुछ जाती,
कभी रूठाये
कभी मनाए
रहती दिनभर
मुझे सताए……
मुझे याद बहुत आती है….
… वो अल्हड़ सी लड़की

आनंद बलौदा( शोधार्थी)

जयपुर, राजस्थान

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