जिन्दगी एक सर्कस

जिन्दगी एक सर्कस


जिन्दगी एक सर्कस है |
इंसान अपने कर्मो के
है अनुसार |
यहां अपना अलग- अलग
किरदार है निभाता |
ईश्वर की डुगडुगी पर है
यहां हर इंसान अपने
सुख दुख को है पाता|
जिस प्रकार सर्कस में
है इंसान खेल दिखाकर
के जनता को है लुभाता |
ठीक उसी प्रकार इस
धरती पर भी है इंसान
अपने कर्मो के अनुसार
ही है नाचता |
यही प्रकृति का नियम है |
जो जिसे यहां देता है |
वही लौटकर वापस उसे
उसी रुप में यहां मिलता
है |
नाम- रजत त्यागी

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