भीतर मन होता हैं जब जब उदास मेरा,
उस वक्त तन्हाई में डूबा हुआ होता हूं जब मैं पूरी तरह,
दर्पण की ओर जब मैं रुख करता हूं,
जैसे ही पड़ता हैं उसमे अक्स मेरा,
नजरे जब मिलती हैं खुद से आईने में मेरी,
मुस्कुराता हुआ प्रतीत होता हैं मुझको चेहरा तेरा,
कुछ देर देखता हूं उसको मैं एक टक निगाहे लगाए,
इतराते हुए जब पड़ती हैं उसकी निगाहे मुझ पर,
इशारों इशारों में ये एक इश्क का पैगाम जो देती है मुझे,
नशा इश्क का हो जाता हैं एक जाम से भी उस वक्त गहरा,
जब मुझमें तू और तुझमें मैं नजर आने लगता हूं ।
डॉक्टर मयंक राजपाल
राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्तकर्ता
अंतरराष्ट्रीय डॉक्टरेट अवॉर्ड प्राप्तकर्ता
बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
जिला -श्रीगंगानगर ( राजस्थान)