किसी ने सच ही कहा है कि प्यार एक पागलपन है-“निरेन कुमार सचदेवा”

अच्छा लगता है तुम्हें पढ़ना, लिखावट से भी तुम्हारी आवाज़ आती है——-और ये मधुर आवाज़ हमें बहुत भाती है।
तुम्हारी लिखावट की सजावट हमारे सोचने के ढंग में डाल देती है रुकावट।
फिर हमारे ख़यालों में होने लगती है अहसासे इश्क़ ओ मोहब्बत के रंगों की मिलावट ।
और तुम्हारी लिखावट से आती है एक भीनी भीनी ख़ुशबू, फिर दिल में जाग जाती है एक अजीब ओ गरीब आरज़ू——-तुम्हारे दीदार की होने लगती है जुस्तजू।
लिखावट में है इतना आकर्षण, हम तुम्हारी लिखावट पर हो गयें हैं फ़िदा——अब जीने में आने लगा है मज़ा।
जिसकी लिखावट है इतनी ख़ूबसूरत, सोचते हैं कि कितनी ख़ूबसूरत होगी फिर उसकी सूरत।
अब इच्छाओं पर नहीं है क़ाबू, और दिल भी होने लगा है बेक़ाबू।
अब महज़ पढ़ने से दिल नहीं बहलता, तुम्हारे रूबरू होने के लिए ये दिल है मचलता।
ये नामुराद दिल भी अब करने लगा है अनेकों सवाल, करने लगा है हमें परेशान।
और मैं तो वैसे भी बहुत जज़्बाती हूँ इंसान।
इस दिल के अनेकों सवालों का सिर्फ़ तुम ही दे सकती हो जवाब।
कब दोगी तुम जवाब , सवाल हैं बेहिसाब———!!
हर सवाल का दारोमदार यही है कि कब होगी तुम से मुलाक़ात, कब होंगे हम सामने सामने——???
उस पल के बारे में सोच हम अभी से लगें हैं दिल को थामने——!!!
लेखक———निरेन कुमार सचदेवा
Love ❤️ is Lord”s most beautiful 😍 gift to mankind .

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