बिल्ली बैठी कार में,कूर रहे चिल्लाय।
बिल्ली जिंदाबाद के नारे रहे लगाय।।
नारे रहे लगाय, यही जीतेगी भैय्या।
दे दो अपना वोट पार हो इसकी नैय्या।।
कहे रसिक समझाय उड़ाते चूहा खिल्ली।
सौ सौ चूहे खाय हज्ज को जाती बिल्ली।।
✍🏽 रवेन्द्र पाल सिंह ‘रसिक’ मथुरा
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