
खोंकर
तुमको लगा
तुम ही जीवन
की सार
मेरी
पतझड़
के मौसम
में बनके बहार
क्यों तुम
बनी
आज
फिर जीने
की तमन्ना जागी
मेरे ह्रदय
में
सुने
जहां में
तेरा इंतजार करता
रहा रात
भर !
कुलदीप सिंह रुहेला
सहारनपुर उत्तर प्रदेश
खोंकर
तुमको लगा
तुम ही जीवन
की सार
मेरी
पतझड़
के मौसम
में बनके बहार
क्यों तुम
बनी
आज
फिर जीने
की तमन्ना जागी
मेरे ह्रदय
में
सुने
जहां में
तेरा इंतजार करता
रहा रात
भर !
कुलदीप सिंह रुहेला
सहारनपुर उत्तर प्रदेश