
प्यार के दीप जलाएं।
दिलों से नफ़रत मिटाएं।।
रूठा है जो कोई अपना।
मिलकर सब उसे मनाएं।।
खुशी के जब दीप जलाएं।
यह जिम्मेदारी भी निभाएं ।।
आंगन में एक पेड़ लगाएं।
पर्यावरण को हम बचाएं।।
मिट्टी के हम दीप जलाएं ।
गरीब को भी गले लगाएं ।।
चीन का करे बहिष्कार।
राष्ट्र को मजबू त बनाएं।।
यह त्यौहार है अलबेला।
सजता खुशियों का मेला।।
सब मिलकर मनाते इसे।
रहता नहीं कोई अकेला।।
डा.महताब अहमद आज़ाद
उत्तर प्रदेश