ना डरूंगी मैं
ना झूकूंगी मैं
ना रूकूंगी मैं
नारी हूँ मै , शक्ती हूँ मैं
हो गया आजाद देश
पर लोग आज भी
कैद है दकीया नूसी लिचारों में
आज भी बेटा बेटी में
पर्क करते है लोग
आज भी औरत की सफलता से
मर्दो को जलते देखा
पर मैं आजाद हूँ
अब हर बेङीयों से
नारी हुँ मैं , शक्ती हूँ मैं
अब कोख में
न मरेगी बेटीयाँ
खूले आसमां में
एक उङान लेगी बेदीयाँ
सहारा है बेटा तो
चेनों – सूकून है बेटीयाँ
दूनीयाँ और समाज से
अब ना दबूंगी
नारी हूँ मैं , शक्ती हूँ मैं
नारी हूँ मैं ,शक्ती हूँ मैं ……..।
स्वरचीत
संगीता वर्मा (चाँदनी)
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