प्यार मोहब्बत का मैं हूँ भिक्षुक ।

मकानों के भाव क्यूँ आसमान को छू रहें हैं साहेब , मैं पूछता हूँ आप से , कुछ चिंतन कीजिए , झाँकिए अपने मन में , फिर सोच समझ कर दीजिए जवाब ।हम सब की पारिवारिक समस्याओं के कारण ऐसा हो रहा है , रिश्तों मैं पड़ी दरारों का फ़ायदा बिल्डर उठा रहें हैं जनाब !!!बहुत निराशा होती है , बहुत अफ़सोस होता है ये सोच कर , रिश्तों में आजकल क्यूँ पड़ रही है दरार , रिश्तों में तो पनपना चाहिए प्यार , प्यार और प्यार ।हमारे घर छोटे होते जा रहें , और बिल्डर अपने लिए महल बना रहें हैं , इस बात के लिए हम सब ही तो हैं ज़िम्मेदार ।मैं जान भूझ कर इस पंक्ति को फिर दोहरा रहा हूँ , रिश्तों में होना चाहिए प्यार , प्यार , बहुत ज़्यादा प्यार !!परिवार शब्द मैं हैं बस तीन हरफ हैं , प ,र और व , चलो करते हैं इस पर कुछ विवेचना और दिलों मैं जगाते है एक चेतना ।प हरफ का मतलब है के हर परिवार में होना चाहिए असीम प्रेम , या खुदा हर परिवार में हो प्रेम भावना और अत्यधिक प्यार , तू बना दे एक ऐसी कायनात , एक ऐसा संसार ।र हरफ का मतलब है रंगीन , हर परिवार हो फूलों जैसा रंगीन , हर परिवार में वातावरण होना चाहिए ख़ूबसूरत और हसीन ।और हर परिवार में होना चाहिए इकरार , प्यार का करो इज़हार , फूलों जैसे ख़ुशबूओ को फैलाओ चमन में ।हंसों , खिलखिलाओ , लगाओ कहकहे , कभी भी कोई मलाल , द्वेष या कोई बुरी भावना को ना रखो अपने मन में ।व हरफ का मतलब है वफ़ादारी , हर परिवार में होनी चाहिए वफ़ादारी , समझदारी और ज़िम्मेदारी ।क्या हम इतनी मेहनत कर रहें हैं , पैसा कमा रहें हैं इन बिल्डरओ की ख़ातिर , ताकि ये बिल्डर और मालामाल हो जाएँ ?नहीं ,कदापि नहीं , इसी पल से परिवार के सभी सदस्य बदल लो अपना नज़रिया , क्यूँ ना ऐसा एक कमाल हो जाए ?यक़ीन मानिए ये सब लिखते हुए आँसूँ बहने लगे हैं , मैं हो गया हूँ इतना भावुक !!या खुदा मैं एक भिक्षुक हूँ , और हर परिवार के लिए प्यार मोहब्बत की भिक्षा माँग रहा हूँ , दिलों और परिवारों में प्रेम भाव हो , इस बात का मैं हूँ इच्छुक ।रचनाकार निरेन सचदेवा।

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