
मेरे पापा थे बहुत ही प्यारे और न्यारे
बहुत मेहनती और थे वह स्वाभिमानी
उनसे ही हमारा जीवन सुखकर बना
सीधा सरल स्वभाव नहीं थे अभिमानी।१।
पापा की लाडो रानी सुंदर परी थी मैं
जीवन में था त्याग, सेवा और समर्पण
कर्तव्य पूर्ति के लिए हमेशा आगे रहते
निष्कपट मन था जैसे हो कोई दर्पण। २।
वक्त के पाबंद और अनुशासन प्रिय थे
रौब इतना था कि सभी उनसे डरते थे
सब के प्रति मन में अपार अथाह स्नेह था
कक्षा में प्रथम आने पर सराहना करते थे ।३
ऊपर से सख्त अंदर से कोमल मन था
पापा से ही मिली जीवन को नई दृष्टि
शिक्षित किया परिपूर्ण बनाया मुझको
संस्कारों से ही मिली सृजन की सृष्टि ।४।
अब पापा नहीं है इस नश्वर दुनिया में
इस बात का है मन में बहुत ज्यादा गम
शूल की तरह ह्रदय में चुभती है यह बात
उनकी याद में आंखें हो जाती है नम ।५।
🖊️🌹 सौ . शारदा राम मालपानी (विकर्णी) अमरावती ,महाराष्ट्र
9420122216