मेरे पिता-“शिखा गोस्वामी”निहारिका”

आँखें खोली जिनकी गोदी,
वह मेरे पिता हैं।
दुनिया देखी जिनकी गोदी,
वह मेरे पिता हैं।

हैं हम जिनके चाँद सितारे,
वह मेरे पिता हैं।
जग के हीरे मोती सारे,
वह मेरे पिता हैं।

कभी हंसाते कभी रुलाते,
कभी खुद भी बच्चे बन जाते।
गुस्से में जब आँख दिखाते,
पल भर में ही हम सहम जाते।

पिता मेरे थोड़े सख्त हैं,
जैसे कोई तख्त हैं।
सारे परिवार को एक बनाएं,
ऐसे मजबूत दरख़्त हैं।

खुद से अधिक परवाह हमारी,
पिता ही तो करते हैं।
बिना कहे हमारी बात समझ,
सब पहले ही ले आते हैं।

कैसे बतलाएं हम पिताजी,
क्या हो आप हमारे लिए।
शब्द ही कम पड़ जायेंगे,
जो लिखने लगे हम आपके लिए।

खुशी में हमारी खुशी अपनी देखें
वह मेरे पिता हैं।
कष्ट स्वयं उठाकर हंसी हमे देवे,
वह मेरे पिता हैं।

रह _ रहकर सीने में जिनके जलती
गमों की एक चिता हैं।
सुरक्षित है हम जिनकी छाया
वह मेरे पिता हैं।

जग के मतलबी भीड़ में, दिव्य अलौकिक किरण
वह मेरे पिता हैं।
मुश्किल भरी डगर में, नई प्रभा हौसले की किरण
वह मेरे पिता हैं।

हमारे लिए दुनिया के अनमोल रतन,
वह मेरे पिता हैं।
शीश झुकाऊं प्रभु से पहले, आगे जिनके,
वह मेरे पिता हैं।

स्वरचित एवं मौलिक

शिखा गोस्वामी”निहारिका”
मारो (चंद्रखुरी) मुंगेली छत्तीसगढ़

58 Comments

    • नरेन्द्र वैष्णव "सक्ती"

      आदरणीया शिखा जी ,
      बहुत-बहुत बधाई ! *पिता* पर अतीव श्रेष्ठतम् शब्दयुत पावन , मार्मिक व यथेष्ठ भावनाओं की पारिकाल्पनिक सृजन प्रस्तुतीकरण सह जनक वंदनीयता हेतु असीम, अशेष,अनेकानेक , अविस्मरणीय अनंतानंत हार्दिक शुभकामनाएँ । आप सदैव उच्चस्तरीय सृजनात्मकता की छटा साहित्य व समाज को परोसते रहें तथा सम्मान के सर्वोच्च तुंग को स्पर्श करें ।
      इन्हीं शुभकामनाओं के साथ !
      ।।आपका शुभाकांक्षी ।।
      *(नरेन्द्र वैष्णव “सक्ती”)*
      छत्तीसगढ़

  1. भारत प्रसाद प्रजापति

    बहुत बढ़िया प्रयास आपका ऐसे ही यह सुर सरिता बहती रहे मानव जीवन को मार्गदर्शन करती रहें साधुवाद

  2. Rajan

    Bahut Sundar Kavita hai Bahana 👍👌👌

  3. आरु साहू

    मस्त है 🙏 जोहार

  4. बहुत बढ़िया प्रयास आपका आदरणीया जी ऐसे सुर सरिता हमेशा बहती रहे और मानव जीवन को मार्गदर्शन मिलता रहे

  5. ज्वाला गिरी गोस्वामी

    बहुत बेहतरीन रचना है

  6. J K Mishra

    वाह, बहुत सुन्दर और marmiik लिखा है aapne… ढेरों प्यार!! Aap इसी तरह लिखते रहें!!

  7. Vinita goswami

    Bahut achcha beta akdam mast

  8. सुधीर श्रीवास्तव

    No

  9. सुधीर श्रीवास्तव

    Very good

  10. Shivangi Goswami

    Bahut sundar didi ❤️❤️❤️

  11. Sunny

    Bahut hi sundar 👌👌👍👍👍☺️☺️

  12. सुधा सेन

    पिता पर सुंदर अभिव्यक्ति शिखा जी, वाह।

  13. Gagan goswami

    Bahut sunder 👌👌👌

  14. राजा

    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति आदरणीया शिखा गोस्वामी जी। मां सरस्वती जी की कृपा दृष्टि से आप सदा आगे बढ़े, यही शुभकामनाए।

  15. Mukesh Goswami

    Very nice line bhanji

  16. ‘पिता’ पर बहुत ही बढ़िया रचना लिखा आपने शिखा जी। 👌👌

  17. Ayush Pandit

    आदरणीय शिखा जी आपकी कविताएं आपके लिखे हुए उपन्यास व शायरी यह सब कुछ अद्भूति है आपके अंदर बहुत ही अच्छी कला है जिसे लोग लेखक के नाम से जानते हैं आप एक बहुत अच्छी लेखक हैं बहुत अच्छा सोचती व लिखती है एक दिन आप जरूर अपना नाम रोशन जरूर करेंगी कामयाबी की बुलंदियों को छूकर

  18. मधुमिता साहा

    बहुत सुंदर रचना शिखा जी👌🏼👏🏼👏🏼

  19. Avinash Giri Goswami

    BAHUT SUNDER AISE HE AAGE BADHTE RAHO…BAHUT SUNDER KAVITA

    • Kuldeep singh रुहेला

      बहुत ही मार्मिक और सुंदर व्याख्या की आपने अपनी कविता में पिता के रूप में और पिता के जीवन की परिभाषा का आपने बहुत सुंदर वर्णन किया है आपकी लेकिन बहुत ही सुंदर और बेहतरीन है लाजवाब है मेरे पास तो शब्द भी नहीं है इतनी अच्छी कविता आपने लिखी है आपको ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई आप सफलता की नई सीढ़ियों पर चढ़ती जाए ऐसी हमारी शुभकामनाएं

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