सच्चे दोस्त होते हैं बेशक़ीमती-“निरेन कुमार सचदेवा”

कुछ रिश्तों में मुनाफ़ा नहीं होता पर ज़िंदगी को अमीर बना देते हैं ।
ये दोस्त ही हैं जो ज़िंदगी की एक ख़ुशनुमा तस्वीर बना देते हैं ।
ख़ाली जेब है तो भी ग़म नहीं है , यार लोग हमारे दिल को जागीर बना देते हैं ।
इन दोस्तों के कारण , ग़रीबी में भी कभी फ़क़ीरी का अहसास नहीं हुआ , क्यूँकि साथ हमारे थी यारी दोस्ती की दौलत ।
रईसी ना हो , तो भी चलेगा , बस दोस्त सलामत रहें , फिर ख़ुशनसीब हैं हम , हाँ है अच्छी हमारी क़िस्मत।
दोस्ती इक ऐसा जज़्बा है जो सच पूछो तो बहुत महंगा है , सस्ता नहीं है , विश्वसनीय दोस्त मिलना , इतना आसान नहीं है , ये इन बाशिंदों को पता नहीं है ।
माना कि बहुत अहम होती है ये चंद सिक्कों की झनकार , लेकिन यारी दोस्ती के सामने इसे भी घुटने टेकने पड़ते हैं , जो इस झनकार को भी मात दे सकता है , वो है सच्चा प्यार ।
दौलत ऐश ओ आराम दे सकती है , लेकिन दिल को जो छू पाए , वो दोस्त ही है , सिर्फ़ दोस्त ही जानते हैं दोस्त का असली हाल , दोस्ती करो तो सुदामा जैसी , क़ायम करो एक मिसाल ।
एक बार फिर से सोचो , अगर रिश्ते नातों में प्रेम है तो फिर है मुनाफ़ा ही मुनाफ़ा , इज़ाफ़ा ही इज़ाफ़ा ।
सिर्फ़ भारी जेब ही मुनाफ़े का नमूना नहीं है , होठों की मुस्कुराहट में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए , और इस के लिए दोस्ती खरी होनी चाहिए ।
जज़्बों और जज़्बातों में भी फ़ायदा होना चाहिए , सिर्फ़ मामूली नहीं , थोड़ा नहीं , बहुत ज़्यादा होना चाहिए ।
सलामत रहे ये दोस्ती , सलामत रहें ये , सलामत रहें रिश्ते नाते , सलामत रहें ये ख़्वाब , ये सपने ।
और रईसी सिर्फ़ इन चंद चाँदी और सोने के सिक्कों की नही है मोहताज , रईसी होनी चाहिए दिल की धड़कनों में , जान लो ये राज ।
अमीर है वो जिसके दिल में उजाला है , जिसके दिल में दोस्तों का बसेरा है , जिसके दिल में दोस्तों ने डेरा डाला है ।
दौलतमंद हैं वो जिनके पास है मुरादों की दौलत , अहसासों की दौलत , दुआओ की दौलत , जिनके पास हैं यार , चाहे हों वो कमीने , लेकिन फिर भी हैं नगीने ।
लेखक——-निरेन कुमार सचदेवा।

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