सीता मां का चरित्र पर कविता लेखन-“शरीफ़ खान”

वनवास की रातों में, सीता मां ने जलाई दीप,
पतिव्रता का परिचय, है उनके चरित्र की श्रेष्ठ गीत।

पुरुषार्थ की प्रतिमूर्ति, सीता मां का रूप,
धरा पर बूंदें बरसाएं, वही है उनके चरणों का स्वरूप।

लंका के अशोक वन में, सीता मां ने बनाई माला,
सजीवनि हंस की मुद्रा, है उनके चरणों का नक्षत्रमाला।

भूमि के लालनी, आकाश की कंजरी,
सीता मां का चरित्र, है प्रेम और धर्म की कहानी।

अग्निपरीक्षा की बेगुनाही में, सीता मां बनी निर्मल,
उनका चरित्र शिक्षा देता है, सत्य में स्थिरता का समर्थन।

रामायण की कविता है राम और सीता मां का चरित्र,
प्रेम और विश्वास की प्रकाष्ठा है उनकी महिमा का अमृत सिर।

संकलन द्वारा*** शरीफ़ खान, कोटा राजस्थान।

1 Comment

  1. Ritu jha

    Waah waah khoob umda jai ho jai shree ram 🌹🙏👏✍️✍️👌👌👍👍

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