हे मातृभूमि-“तरुण बंदा”

हे मातृभूमि ! तेरे चरणों में सिर नवाऊँ ।
मैं भक्ति भेंट अपनी, तेरी शरण में लाऊँ ।

माथे पे तू हो चन्दन, छाती पे तू हो माला;
जिह्वा पे गीत तू हो, तेरा ही नाम गाऊँ ।

जिससे सपूत उपजें, श्रीराम-कृष्ण जैसे ;
उस धूल को मैं तेरी निज शीश पे चढ़ाऊँ ।

माई समुद्र जिसकी पदरज को नित्य धोकर;
करता प्रणाम तुझको, मैं वे चरण दबाऊँ ।

सेवा में तेरी माता ! मैं भेदभाव तजकर;
वह पुण्य नाम तेरा, प्रतिदिन सुनूँ सुनाऊँ ।

तेरे ही काम आऊँ, तेरा ही मन्त्र गाऊँ ।
तरुण बंदा, पंजाब भारत

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *