Posted inArticles Articles poetry ” मेरी माँ “ आंचल मेरी माँ का, पावन पुनीत मनोरम।याद आता नित्य मुझे, माँ का लाड दुलार अनुपम।निस्वार्थ भाव से सेवा… Posted by Rajni Prabha May 19, 2024
Posted inpoetry Short Story सजल जीवन भर खटते ही रहना, कैसी उद्यमता है माँ की।सबको सुख दे, दुख ही पाना, अनिवार्य विषमता है… Posted by Rajni Prabha May 19, 2024
Posted inArticles poetry Short Story हमेशा सँस्कारी रहें—— सफल होने के लिए व्यवहार में बच्चा, काम में जवान और अनुभव में वृद्ध होना ज़रूरी है ।एक… Posted by Rajni Prabha May 19, 2024
Posted inArticles ghazal poetry सजल हम न होंगे कभी, तब चलेगा पता।आदमी तो गया, रह गए देवता।। मौन निर्जीव सब, मूर्तियों-से खड़े।अब न… Posted by Rajni Prabha May 19, 2024
Posted inArticles poetry shayari जय श्री कृष्णा———- जिसकी मति और गति सत्य की हो…….उसका रथ आज भी श्री कृष्ण चलाते हैं…….!श्री कृष्ण हैं पारखी भी… Posted by Rajni Prabha May 19, 2024
Posted inArticles ghazal poetry एक रोटी का ग्रास पेट तक एक रोटी का ग्रास पेट तकपहुंचाने के लिए ईश्वर नेकितना अच्छा प्रबन्ध किया हैयदि ग्रास अधिक गर्म है… Posted by Rajni Prabha May 19, 2024
Posted inArticles poetry कुछ रह तो नहीं गया तीन महीने के बच्चे कोदाई के पास रखकरजॉब पर जाने वाली माँ कोदाई ने पूछा ~कुछ रह तो… Posted by Rajni Prabha May 19, 2024
Posted inArticles ghazal poetry तुम भी रूठ गए तुम भी रूठ गएफिर मनाएगा कौन ? आज दरार है,कल खाई होगीफिर भरेगा कौन ? मैं चुप,तुम भी… Posted by Rajni Prabha May 19, 2024
Posted inEvents ghazal poetry शीर्षक——-इंसानों से प्यार करो——-“”कवि———निरेन कुमार सचदेवा।”” शीर्षक——-इंसानों से प्यार करो——- जम के नाचा वो फ़क़ीर , मैंने तो इतना ही पूछा था कि ये… Posted by Rajni Prabha May 3, 2024
Posted inArticles Events poetry ब्रह्मांड का नेत्र भगवान____””सूर्यसत्येन्द्र कुमार पाठक”” ब्रह्मांड का नेत्र भगवान सूर्यसत्येन्द्र कुमार पाठकसनातन धर्म का सौरसम्प्रदाय की ग्रंथों में भगवान सूर्य की उपासना का… Posted by Rajni Prabha May 3, 2024