Posted inEvents Press Note अंतर्राष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी रचना दर्शन मंच पर संपन्न हुआ रचना दर्शन मंच द्वारा भव्य एवं शानदार आयोजित गुरु पूर्णिमा विषय में अंतरराष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी रचना दर्शन मंच… Posted by Rajni Prabha July 6, 2024 Posted inArticles Articles Events प्रेस नोट राष्ट्रमाता अहिल्यादेवी की 300 वी जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी होगी। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 292वीं… Posted by Rajni Prabha May 29, 2024 Posted inArticles Articles Events हमें जीवन में बुद्ध के आचरण को अपनाना चाहिए -डॉ. पाल राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में 291 वी अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी जिसका विषय' महात्मा बुद्ध और उसके संदेश: वैश्विक… Posted by Rajni Prabha May 25, 2024 Posted inArticles Articles ghazal नहीं-नहीं प्रिये! ध्रुव तारा को देखो प्रिये ,अडिग अपनी जगह खड़ा ।निश्छल निश्चिंत निर्विवाद,चाह की राह में शून्य-सा पड़ा। मौसम… Posted by Rajni Prabha May 25, 2024 Posted inArticles Articles Events कुछ शब्द मेरी क़लम से ——- रूबरू मिलने का मौक़ा हमेशा नहीं मिलता, इसीलिए शब्दों से सब को छूने की कोशिश कर लेता हूँ… Posted by Rajni Prabha May 25, 2024 Posted inArticles Articles Press Note प्यार पागलपन नहीं तो और क्या है——- मेरी सुबह तुम हो , और तुम ही शाम हो ,तुम ही दर्द हो , तुम ही आराम… Posted by Rajni Prabha May 25, 2024
Posted inArticles Articles Events प्रेस नोट राष्ट्रमाता अहिल्यादेवी की 300 वी जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी होगी। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 292वीं… Posted by Rajni Prabha May 29, 2024 Posted inArticles Articles Events हमें जीवन में बुद्ध के आचरण को अपनाना चाहिए -डॉ. पाल राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में 291 वी अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी जिसका विषय' महात्मा बुद्ध और उसके संदेश: वैश्विक… Posted by Rajni Prabha May 25, 2024 Posted inArticles Articles ghazal नहीं-नहीं प्रिये! ध्रुव तारा को देखो प्रिये ,अडिग अपनी जगह खड़ा ।निश्छल निश्चिंत निर्विवाद,चाह की राह में शून्य-सा पड़ा। मौसम… Posted by Rajni Prabha May 25, 2024 Posted inArticles Articles Events कुछ शब्द मेरी क़लम से ——- रूबरू मिलने का मौक़ा हमेशा नहीं मिलता, इसीलिए शब्दों से सब को छूने की कोशिश कर लेता हूँ… Posted by Rajni Prabha May 25, 2024 Posted inArticles Articles Press Note प्यार पागलपन नहीं तो और क्या है——- मेरी सुबह तुम हो , और तुम ही शाम हो ,तुम ही दर्द हो , तुम ही आराम… Posted by Rajni Prabha May 25, 2024
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Posted inEvents ghazal poetry महुआं ने अंगराई ली, चहुं ओर बासंती बयार__ “रजनी प्रभा” हिंदू नववर्ष महुआं ने अंगराई ली, चहुं ओर बासंती बयारआम्र देख बौराए मन,किया धरती ने धानी श्रृंगार। सीमर… Posted by Rajni Prabha April 28, 2024
Posted inArticles ghazal shayari ये इश्क़ ओ मोहब्बत के क़ायदे क़ानून हैं__ “कवि———निरेन कुमार सचदेवा।” शीर्षक——-इश्क़ करना इतना आसान भी नहीं है ——- ये इश्क़ ओ मोहब्बत के क़ायदे क़ानून हैं मुख़्तलिफ़ ,… Posted by Rajni Prabha April 28, 2024
Posted inEvents ghazal poetry एक रूह है जिसको सुकून की तलब है__ “कवि——-निरेन कुमार सचदेवा।” शीर्षक——-रूह महज़ सुकून चाहती है——— एक रूह है जिसको सुकून की तलब है……..एक मिज़ाज है जिसको जुनून की… Posted by Rajni Prabha April 28, 2024
Posted inghazal poetry shayari आसान क्या है ,मुश्किल क्या है ?__ “@आलोक सिंह ‘गुमशुदा'” आसान क्या है ,मुश्किल क्या है ? प्रेम या नफ़रत?सच या झूठ?ईमानदारी या बेईमानी? कई किरदार एक चेहरे… Posted by Rajni Prabha April 28, 2024
Posted inghazal poetry सुप्त सौन्दर्य की नींद__”बृजेश आनन्द राय,” सुप्त सौन्दर्यकी नींदऔरभावनाओं काउद्वेलनतन्द्रा कीबेपरवाहीऔरप्रतीक्षा काजागरणधैर्य-शक्ति कापरीक्षणऔरघुटन काअवलम्बनशून्यात्मक-अभिव्यक्तिऔरहृदय कातुमुलनादटीले कीरेतऔरसागर काशोरबहुत-कुछशान्तहो गयाहर एकज्वार काअन्त होगया'वह-मौसम' भी निश्चिन्त हो… Posted by Rajni Prabha April 28, 2024
Posted inEvents ghazal poetry यह मोह है__”बृजेश आनन्द राय” 'इन्द्रधन्वा-दैवीय-रूपाभाऔरनिर्दोष मुस्कानों की श्वेत-श्यामरिमझिमी-बारिशसंगमरमरी पत्थरों सासदाबहार-काल्पनिक-उठानी-यौवनऔरलम्ब-काया काझूमता सागौनहृदय-हीन भावना-रहितमूर्तियों का मोहऔर जन्म-जन्मांतर केसम्बन्धों का एक-मात्र संस्कार' …जिन्दगी जला… Posted by Rajni Prabha April 28, 2024
Posted inghazal poetry shayari मंजिल का सबको मिल पाना, इतना आसान नहीं होता ।__ “बृजेश आनन्द राय,” मंजिल का सबको मिल पाना, इतना आसान नहीं होता ।पहुँचे शिखरों पर भी टिकना, बिल्कुल आसान नहीं होता।।… Posted by Rajni Prabha April 22, 2024
Posted inghazal Press Note shayari एक हृदय थे हम दो नहीं एक हृदय थे हम__ "बृजेश आनन्द राय" एक हृदय थे हमदो नहींएक मन-प्राण थे हमदो नहींएक पूर्ण विचार… Posted by Rajni Prabha April 22, 2024
Posted inghazal poetry shayari कौन रहा है तुम बिन प्यारा।__ “बृजेश आनन्द राय” कौन रहा है तुम बिन प्यारा।संग, सखा और हृदय दुलारा।।एक तुम्हीं हो मधुऋतु-जाई।फूल सरीखी सुखद सुहाई।। रूप सलोना… Posted by Rajni Prabha April 22, 2024
Posted inghazal shayari तुम्हें फिर याद करते हैं __ “बृजेश आनन्द राय,” चलो हम आज रोते हैं,तुम्हें फिर याद करते हैं ।। सुबह का रूप है आगे ,नरम सी धूप… Posted by Rajni Prabha April 22, 2024